सनातन धर्म में दखल देने का अधिकार सिर्फ शंकराचार्य को: पुष्पेन्द्र कुलश्रेष्ठ

आजादी के 75 वें वर्ष पूरे होने पर विगत एक माह से मनाये जा रहे स्वतंत्रता के अमृत महोत्सव अभियान के क्रम मे अमृत महोत्सव समिति द्वारा समूहिक वंदे मातरम का आयोजन किया गया जिसमे मुख्य वक्ता के रूप मे राजनीतिक टिप्पणीकार, पत्रकार, इस्लामी आतंकवाद, कश्मीर, मुस्लिम साम्प्रदायिकता मामले के विशेषज्ञ पुष्पेंद्र कुलश्रेष्ठ जी रहे। कार्यक्रम की अध्यक्षता भारत के लिए पाकिस्तान से 1965 एवं 1971 की लड़ाई लड़ चुके कै0 मन्नन यादव ने की। Pushpendra Kulshreshth In Deoria

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Pushpendra Kulshreshth In Deoria, Photo: Right Indians

कार्यक्रम की औपचारिक शुरुआत भारत माता के चित्र पर पुष्प अर्पित कर एवं दीप प्रज्ज्वलित कर एवं भारत माता की आरती के साथ शुरू हुआ जिसमे उपस्थित सभी लोग आरती के साथ पूजन किये। भारत माँ की आरती के पश्चात कश्मीर हो या गुवाहाटी अपना देश अपना माटी, जन्म भूमि जननी का कण-कण हमे स्वर्ग से प्यारा है, देश की रक्षा कौन करेगा हम करेंगे इत्यादि देशभक्ति जयकारे से पूरा मैदान जोश से भर गया। समिति के संयोजक डाॅ विवेक मिश्र और सहसंयोजक डाॅ राघवेन्द्र पाण्डेय, विनय मिश्र, दिनेश कन्नौजिया, अनिल मिश्र द्वारा मुख्य अतिथि पुष्पेंद्र कुलश्रेष्ठ को अंगवस्त्र, स्मृति चिन्ह एवं देवरहा बाबा का चित्र देकर स्वागत किया गया। इसी क्रम में समिति के सदस्य नीरज शर्मा, मनीष, आशुतोष द्वारा अध्यक्षता कर रहे कैप्टन मन्नन यादव को स्मृति चिन्ह और अंगवस्त्र देकर सम्मानित किया गया।

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कार्यक्रम संयोजक डॉ विवेक मिश्र का रविशंकर और आशुतोष द्वारा माल्यार्पण कर स्वागत किया गया। कार्यक्रम के मुख्य वक्ता पुष्पेंद्र कुलश्रेष्ठ जैसे ही मंच पर अपना उद्बोधन देने के लिए खड़े हुए पूरा प्रांगण भारत माता की जय एवं वंदे मातरम के जयकारे से गूँज उठा।
अपने उद्बोधन में उन्होंने सबसे पहले देवरिया की इस पावन भूमि को धन्यवाद ज्ञापित किया कि उन्होंने उन्हें इस धरती पर आने का अवसर प्रदान किया।

वहां पर उपस्थित जनसमूह को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि पहली बार इस धरती पर आया हूं और इतने बड़ी संख्या युवा और उत्साही लोगों की संख्या को मैं बदलते भारत के बढ़ते कदम की तरह देखता हूं। उन्होंने कहा कि हजारों साल की परंपराओं से हमारा देश सुसज्जित था आज वह परंपराओं से दूर भागता जा रहा है जब तक विचार नहीं बदला जाएगा तब तक भारत में परिवर्तन नहीं हो पाएगा। आज निजी स्वार्थों से ऊपर उठकर सच बोलना पड़ेगा और जब सभी सत्य और तर्क के साथ होंगे तो सभी पार्टियों को नाक रगड़ना पड़ेगा। सत्ता का लोभी समाज के लिए कभी कुछ नहीं सोचता है, और ना कुछ कर सकता है। देवरिया की पावन धरती जहां छोटे-छोटे बच्चे भी सिर्फ सच सुनने आए हैं और मैं उसी सच को सुनाने आया हूं उस सच का पैमाना पेश करने आया हूं।

राजनीतिक लोगों को झूठ बोलने की छूट है वह झूठ बोलते हैं कि सारे धर्म बराबर हैं और यह तो दुनिया का सबसे बड़ा झूठ है और ज्ञानी लोग भी झूठ में शामिल है। गलत स्लोगन कैसे नस्लों को बिगड़ता है इसके बारे में मंथन करना पड़ेगा। एक अंग्रेज एवं द्वारा एक कुछ लोगों के समूह का गठन किया जाता है जो यह तय करता है कि भारत को अंग्रेजों से कैसे आजाद कराया जाए। यह बात हमें क्यों नहीं समझ आती कि जो हमें गुलाम बना करके रखा हुआ है वही खुद से ही आजादी के लिए रास्ता कैसे दिखा सकता है। उन्होंने स्वच्छता अभियान के बारे में भी कहा कि स्वच्छता अभियान का सबसे बड़ा धर्म है कि जो अधर्मी है उसे समाप्त करना चाहिए अपने संबोधन में उन्होने कहा कि भारत देश कर्म प्रधान देश है जाति प्रधान देश नहीं है जाति तो केवल निजी पहचान है घर से बाहर निकले तो सनातनी होकर निकले या बताने की जरूरत नहीं पड़ेगी कि आप कौन हैं। मनुष्य जन्म से ही शूद्र पैदा होता है और अपने कर्मों से ब्राह्मण/क्षत्रिय आदि बनता है। जाति या निजी है यह चलती रहेंगी राष्ट्र खतरे में है इस पर ध्यान देना ज्यादा जरूरी है।

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सेकुलरिज्म के बारे में उन्होंने बताया कि सेकुलर की परिभाषा ही गलत बताई जाती है। अपने भाषण में उन्होंने सीडीएस बिपिन रावत जी के शहीद होने अपना शोक प्रकट किया और अपने देश का एक वीर के खोने का अफसोस प्रकट किया। उन्होंने बताया कि भारतीय सनातनी सभ्यता पर कोई जजमेंट देने का अधिकार किसी को नहीं है केवल शंकराचार्य ही जजमेंट दे सकते हैं हिंदू ने अब सही सुनने वह बोलने का हुनर फिर से सीख लिया है। अपने भाषण के अंत में उन्होंने देवरिया की धरती को एक बार पुनः नमन करते हुए अपनी बात समाप्त की और कहा कि यह युवाओं की धरती है और मैं इस उत्साह को बदलते भारत के बढ़ते कदमों की तरह देखता हूं।कार्यक्रम संयोजक डाॅ विवेक मिश्र ने आये हुए सभी अतिथियों और सहयोगियो के प्रति आभार प्रकट किया।

कार्यक्रम का समापन सामूहिक वंदे मातरम के साथ किया गया जिसमें पूरे देवरिया धरती से आए हुए समस्त जनमानस संगीत शिक्षक मोहन जी और उनकी टीम के साथ संगीतमय गान किया। वंदे मातरम के पश्चात पूरा परिसर भारत माता के नारों से गूंज उठा देश भक्ति भावमय कर दिया। सामूहिक वंदे मातरम कार्यक्रम में सरस्वती वरिष्ट माध्यमिक विद्या मंदिर, भगिनी निवेदिता सरस्वती बालिका विद्या मंदिर, राजकीय इंटरमीडिएट कॉलेज, कस्तूरबा बालिका इंटरमीडिएट कॉलेज, यूनिवर्सल पब्लिक स्कूल समेत तमाम स्कूलों के हजारों बच्चों ने उत्साहपूर्वक प्रतिभाग किया। इन विद्यालय के शिक्षकों का भी पूर्ण सहयोग रहा। कार्यक्रम का संचालन जिला कार्यवाह दीपेंद्र ने किया।

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इस अवसर पर संघचालक मकसूदन, सह प्रांत प्रचारक अजय, सह प्रान्त कार्यवाह वीरेंद्र, विभाग प्रचारक अजय नारायण, विभाग प्रचारक श्रीप्रकाश जी, राज्य मंत्री जय प्रकाश निषाद, सदर विधायक डॉ सत्य प्रकाश मणि त्रिपाठी, दर्जा प्राप्त राज्यमंत्री नीरज शाही, सूचना सलाहकार मुख्यमंत्री शलभ मणि त्रिपाठी, नपा अध्यक्ष अलका सिंह, डा रणधीर सिंह, डाॅ हेमन्त मिश्र, राजेश शुक्ला, राघवेन्द्र पाण्डेय, विनय मिश्र, पुष्पराज तिवारी, सत्येन्द्र मणि, संजय राव, रामेश्वर तिवारी, आशुतोष मिश्र, आशुतोष मणि, विवेकानंद शर्मा, ऋषि कांत मणि, अंबुज शर्मा, राजेश मिश्र, बृजेश मोहन शर्मा, अभिषेक, नीरज बरनवाल समेत एन सी सी और एन एस एस के कैडेट उपस्थित रहें। Pushpendra Kulshreshth In Deoria

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